योग के तत्व या अंग

महर्षि पतंजलि ने 'योगसूत्र' में योग के आठ तत्त्वों का वर्णन किया है। इन्हें अष्ट पथ (Eight Steps) कहा गया है, जिनके माध्यम से के परम या अन्तिम लक्ष्य अर्थात् 'जीवात्मा का परमात्मा से मिलन' को प्राप्त किया जा सकता है। योग के तत्व व अंग 1. यम 2. नियम 3. आसन 4. प्राणायाम 5. प्रत्याहार 6.धारणा 7. ध्यान 8.समाधि योग के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रत्येक तत्त्व का अभ्यास बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। एक तत्त्व में कुशल या निपुण हो जाने के बाद हमें दूसरे तत्त्व की ओर बढ़ना चाहिए। यम (Yama) अष्टांग योग का प्रथम तत्त्व यम है। यम के अभ्यास द्वारा एक व्यक्ति ऐसी बातों को करने से दूर रह सकता है, जो उस व्यक्ति के मन को उत्तरजीवी होने की अवस्था के लिए विवेकहीन संघर्ष में उलझाए रखती हैं। यम का पालन करने वाला व्यक्ति हिंसा से दूर रह सकता है। यम में पाँच आचार संहिताएँ शामिल होती हैं। महर्षि पतंजलि के अनुसार यम पाँच होते हैं अर्थात् अहिंसा (Non-violence), सत्य (Truthfulness), अस्तेय (Non-stealing), ब्रह्मचर्य (Brahmacharya) व अपरिग्रह (Aparigraha)। अहिंसा (Non-...